Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Khali samay me“ , “खाली समय में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

खाली समय में

 Khali samay me

खाली समय में,

बैठ कर ब्लेड से नाखून काटें,

बढी हुई दाढी में बालों के बीच की

खाली जगह छांटे,

सर खुजलाएं, जम्हुआए,

कभी धूप में आए,

कभी छांह में जाए,

इधर-उधर लेटें,

हाथ-पैर फैलाएं,

करवटें बदलें

दाएं-बाएं,

खाली कागज पर कलम से

भोंडी नाक, गोल आंख, टेढे मुंह

की तसवीरें खींचें

बार-बार आंखें खोले

बार-बार मींचें,

खांसें, खंखारें,

थोडा बहुत गुनगुनाएं,

भोंडी आवाज में,

अखबार की खबरें गाए,

तरह-तरह की आवाज

गले से निकालें,

अपनी हथेली की रेखाएं

देखें-भालें,

गालियां दे-दे कर मक्खियां उडाएं,

आंगन के कौओं को भाषण पिलाए,

कुत्ते के पिल्ले से हाल-चाल पूछें,

चित्रों में लडकियों की बनाएं मूंछे,

धूप पर राय दें, हवा की वकालत करें,

दुमड-दुमड तकिए की जो कहिए हालत करें,

खाली समय में भी बहुत से काम है

किस्मत में भला कहां लिखा आराम है!

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