Hindi Poem of Agnishekhar “Ek Film Kavi Se , “एक फ़िल्मी कवि से ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

एक फ़िल्मी कवि से -अग्निशेखर

Ek Film Kavi Se -Agnishekhar

 

देखो, कुछ देर के लिए
सोने दो मेरे रिसते घावों को
अभी-अभी आई है
मेरे प्रश्नों को नींद

मुझे मत कहो गुलाब
एक बिसरी याद हूँ
जाग जाऊँगा

मुझे मत कहो गीत
सुलग जाऊँगा
बर्फ़ीले पहाड़ों पर
मुझे चाहिए दवा
कुछ ज़रूरी उत्तर
अपना-सा मौसम
थोड़ा-सा प्रतिशोध

मै दहक रहा हूँ
गए समय की पीठ
और आते दिनों के माथे पर
मुझे मत बेचो
गीत में सजाकर

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.