Hindi Poem of Bashir Badra “Bahar na aao ghar me raho tum nashe me ho”,”बाहर ना आओ घर में रहो तुम नशे में हो” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बाहर ना आओ घर में रहो तुम नशे में हो

 Bahar na aao ghar me raho tum nashe me ho

बाहर ना आओ घर में रहो तुम नशे में हो

सो जाओ दिन को रात करो तुम नशे में हो

दरिया से इख्तेलाफ़ का अंजाम सोच लो

लहरों के साथ साथ बहो तुम नशे में हो

बेहद शरीफ लोगो से कुछ फासला रखो

पी लो मगर कभी ना कहो तुम नशे में हो

कागज का ये लिबास चिरागों के शहर में

जरा संभल संभल कर चलो तुम नशे में हो

क्या दोस्तों ने तुम को पिलाई है रात भर

अब दुश्मनों के साथ रहो तुम नशे में हो

 

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