Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Chot Choti Kavitaye“ , “छोटी छोटी कविताएँ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

छोटी छोटी कविताएँ

 Chot Choti Kavitaye

 

कर्तव्य बन जाता है उसी क्षण

जब हमें लगता है कि

वह उस निष्ठा का अंग है

जो जीवन के पहले क्षण से

हमारे संग है.

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हमारा सब कुछ

अपनी-अपनी जगह हो

तभी समझ सकते हैं

हम इतनी छोटी बात भी

जैसे एक और एक दो

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अपने प्रति सख्त बनो

जिससे नरम बन सको

दूसरों के प्रति

अच्छी है अति  यहीं

और कहीं नहीं

———

खुल जाएँ अगर दृष्टि के द्वार

तो दिखने लगे सब कुछ

आँखों  के सामने वैसा ही

जैसा वह है अनंत याने

तब फिर न दौड़ें

-फिरें हम कुछ भी पाने.

———

जो जितना ऊंचा चढ़ता है

उतना साबित कदम बनाना पड़ता है उसको

मौत का सबब बन सकती है एक पल मे

ऊंचाई पर लापरवाही.

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