Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Ek bahut hi tanmay chuppi“ , “एक बहुत ही तन्मय चुप्पी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक बहुत ही तन्मय चुप्पी

 Ek bahut hi tanmay chuppi

 

जो माँ  छाती में लगाकर मुँह

चूसती रहती है दूध

मुझसे चिपककर पड़ी  है

और लगता है मुझे

यह मेरे जीवन की

लगभग सबसे निविड़ ऐसी घड़ी है

जब मैं दे पा रहा हूँ

स्वाभाविक और सुख के साथ अपने को

किसी अनोखे ऐसे सपने को

जो अभी- अभी पैदा हुआ है

और जो पी रहा है मुझे

अपने साथ-साथ

जो जी रहा  है मुझे!

 

 

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