Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “  Itne bahut se vasant ka“ , “इतने बहुत–से वसंत का” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

इतने बहुत–से वसंत का

 Itne bahut se vasant ka

 

क्या होगा

मेरे पास एक फूल है

इन रोज़–रोज़ के

तमाम सुखों का क्या होगा

मेरे पास एक भूल है

सदा की अछूती और टटकी

और मनहरण

पैताने बैठा है जिसके

जीवन

सिरहाने बैठा है जिसके

मरण!

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