Hindi Poem of Dushyant Kumar “ Tune ye harsingar hilakar bura kiya “ , “तूने ये हरसिंगार हिलाकर बुरा किया” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तूने ये हरसिंगार हिलाकर बुरा किया

Tune ye harsingar hilakar bura kiya  

 

तूने ये हरसिंगार हिलाकर बुरा किया

पांवों की सब जमीन को फूलों से ढंक लिया

किससे कहें कि छत की मुंडेरों से गिर पड़े

हमने ही ख़ुद पतंग उड़ाई थी शौकिया

अब सब से पूछता हूं बताओ तो कौन था

वो बदनसीब शख़्स जो मेरी जगह जिया

मुँह को हथेलियों में छिपाने की बात है

हमने किसी अंगार को होंठों से से छू लिया

घर से चले तो राह में आकर ठिठक गये

पूरी हूई रदीफ़ अधूरा है काफ़िया

मैं भी तो अपनी बात लिखूं अपने हाथ से

मेरे सफ़े पे छोड़ दो थोड़ा सा हाशिया

इस दिल की बात कर तो सभी दर्द मत उंडेल

अब लोग टोकते है ग़ज़ल है कि मरसिया

 

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