Hindi Poem of Dushyant Kumar’“Mat Kaho Aakash mein kohra Ghana hai , “मत कहो आकाश में कोहरा घना है ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

मत कहो आकाश में कोहरा घना है – दुष्यंत कुमार

Mat Kaho Aakash mein kohra Ghana hai – Dushyant Kumar

 

मत कहो आकाश में कोहरा घना है,

यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना है।

सूर्य हमने भी नहीं देखा सुबह का,

क्या कारोगे सूर्य का क्या देखना है।

 हो गयी हर घाट पर पूरी व्यवस्था,

शौक से डूबे जिसे भी डूबना है।

 दोस्तों अब मंच पर सुविधा नहीं है,

आजकल नेपथ्य में सम्भावना है.

 

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