Hindi Poem of Giridhar “Sai apne chitt ki“ , “साईं अपने चित्त की” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

साईं अपने चित्त की
Sai apne chitt ki

 

साईं अपने चित्त की, भूलि न कहिये कोइ।
तब लगि मन में राखिये, जब लगि कारज होइ॥

जब लगि कारज होइ, भूलि कबं नहिं कहिये।
दुरजन हंसै न कोय, आप सियरे ह्वै रहिये।

कह ‘गिरिधर कविराय बात चतुरन के र्ताईं।
करतूती कहि देत, आप कहिये नहिं साईं॥

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