Hindi Poem of Gopaldas Neeraj “Birhanal dah dahe tan tap  “ , “बिरहानल दाह दहै तन ताप” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

बिरहानल दाह दहै तन ताप

Birhanal dah dahe tan tap  

 

बिरहानल दाह दहै तन ताप, करी बड़वानल ज्वाल रदी।

घर तैं लखि चन्द्रमुखीन चली, चलि माह अन्हान कछू जु सदी।

पहिलैं ही सहेलनि तैं सबके, बरजें हसि घाइ घसौ अबदी।

परस्यौ कर जाइ न न्हाय सु कौन, री अंग लगे उफनान नदी।।

 

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