Hindi Poem of Kumar vishvas “Pita ki yaad“ , “पिता की याद” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

पिता की याद
Pita ki yaad

फिर पुराने नीम के नीचे खडा हूँ

फिर पिता की याद आई है मुझे

नीम सी यादें ह्रदय में चुप समेटे

चारपाई डाल आँगन बीच लेटे

सोचते हैं हित सदा उनके घरों का

दूर है जो एक बेटी चार बेटे

फिर कोई रख हाथ काँधे पर

कहीं यह पूछता है-

“क्यूँ अकेला हूँ भरी इस भीड मे”

मै रो पडा हूँ

फिर पिता की याद आई है मुझे

फिर पुराने नीम के नीचे खडा हूँ

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