Hindi Poem of Neelam Singh “ Ek Pegam aakash ke naam”,”एक पैगाम आकाश के नाम” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

एक पैगाम आकाश के नाम

 Ek Pegam aakash ke naam

 

आकाश!

कब तक ओढ़ोगे

परंपरा की पुरानी चादर,

ढोते रहोगे

व्यापक होने का झूठा दंभ,

तुम्हारा उद्देश्यहीन विस्तार

नहीं ढक सका है

किसी का नंगापन

छोड़कर कल्पना,

वास्तविकता पर उतर आओ,

भाई! अपने नीले फलक पर

इन्द्रधनुष नहीं

रोटियाँ उगाओ।

 

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