Hindi Poem of Raghuveer Sahay “Itne Shabd kaha hai “ , “इतने शब्द कहाँ हैं” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

इतने शब्द कहाँ हैं
Itne Shabd kaha hai

इतने अथवा ऐसे शब्द कहाँ हैं जिनसे
मैं उन आँखों कानों नाक दाँत मुँह को

पाठकवर
आज आप के सम्मुख रख दूँ
जैसे मैंने देखा था उनकों कल परसों।

वह छवि मुझ में पुनरुज्जीवित कभी नहीं होती है
वह मुझ में है। है वह यह है
मैं भी यह हूँ

मेरे मुख पर अक्सर जो आभा होती है।

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.