Hindi Poem of Sahir Ludhianvi “ Mere bheya mere chanda mere anmol ratan” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

मेरे भैया मेरे चँदा मेरे अनमोल रतन

 Mere bheya mere chanda mere anmol ratan

मेरे भैया मेरे चँदा

मेरे अनमोल रतन

तेरे बदले मैं ज़माने की

कोई चीज़ न लूँ

मेरे भैया मेरे चँदा

मेरे अनमोल रतन

तेरे बदले मैं ज़माने की

कोई चीज़ न लूँ

तेरी साँसों की कसम खाके, हवा चलती है

तेरे चहरे की खलक पाके, बहार आती है

एक पल भी मेरी नज़रों से तू जो ओझल हो

हर तरफ़ मेरी नज़र तुझको पुकार आती है

मेरे भैया मेरे चँदा

मेरे अनमोल रतन

तेरे बदले मैं ज़माने की

कोई चीज़ न लूँ

मेरे भैया मेरे चँदा

मेरे अनमोल रतन

तेरे बदले मैं ज़माने की

कोई चीज़ न लूँ

तेरे चहरे की महकती हुई लड़ियों के लिए

अनगिनत फूल उम्मीदों के चुने हैं मैंने

वो भी दिन आएं कि उन ख़्वाबों के ताबीर मिलें

तेरे ख़ातिर जो हसीं ख़्वाब बुने हैं मैंने

मेरे भैया मेरे चँदा

मेरे अनमोल रतन

तेरे बदले मैं ज़माने की

कोई चीज़ न लूँ

मेरे भैया मेरे चँदा

मेरे अनमोल रतन

तेरे बदले मैं ज़माने की

कोई चीज़ न लूँ

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.