Hindi Poem of Surdas “Ajhu Cheti Achet , “अजहूँ चेति अचेत” Complete Poem for Class 10 and Class 12

अजहूँ चेति अचेत -सूरदास

Ajhu Cheti Achet – Surdas

 

अजहूँ चेति अचेत सबै दिन गए विषय के हेत।

 तीनौं पन ऐसैं हीं खोए, केश भए सिर सेत॥

 आँखिनि अंध, स्त्रवन नहिं सुनियत, थाके चरन समेत।

 गंगा-जल तजि पियत कूप-जल, हरि-तजि पूजत प्रेत॥

 मन-बच-क्रम जौ भजै स्याम कौं, चारि पदारथ देत।

 ऐसौ प्रभु छाँडि़ क्यौं भटकै, अजहूँ चेति अचेत॥

 राम नाम बिनु क्यौं छूटौगे, चंद गहैं ज्यौं केत।

 सूरदास कछु खरच न लागत, राम नाम मुख लेत॥

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.