Hindi Poem of Surdas “Rakhi Bandhat Jasoda Maiya, “राखी बांधत जसोदा मैया ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

राखी बांधत जसोदा मैया -सूरदास

Rakhi Bandhat Jasoda Maiya – Surdas

 

राखी बांधत जसोदा मैया ।

 विविध सिंगार किये पटभूषण, पुनि पुनि लेत बलैया ॥

 हाथन लीये थार मुदित मन, कुमकुम अक्षत मांझ धरैया।

 तिलक करत आरती उतारत अति हरख हरख मन भैया ॥

 बदन चूमि चुचकारत अतिहि भरि भरि धरे पकवान मिठैया ।

 नाना भांत भोग आगे धर, कहत लेहु दोउ मैया॥

 नरनारी सब आय मिली तहां निरखत नंद ललैया ।

 सूरदास गिरिधर चिर जीयो गोकुल बजत बधैया ॥

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