Hindi Poem of Bhawani Prasad Mishra “ Maharathi“ , “महारथी” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

महारथी

 Maharathi

 

अनन्त काल से

रथ पर सवार है

और सच चल रहा है

पाँव-पाँव

नदी पहाड़ काँटे और फूल

और धूल

और ऊबड़-खाबड़ रास्ते

सब सच ने जाने हैं

झूठ तो

समान एक आसमान में उड़ता है

और उतर जाता है

जहाँ चाहता है

क्रमश: बदली है

झूठ ने सवारियाँ

आज तो वह सुपरसॉनिक पर है

और सच आज भी

पाँव-पाँव चल रहा है

इतना ही हो सकता है किसी-दिन

कि देखें हम

सच सुस्ता रहा है

थोड़ी देर छाँव में

और

सुपरसॉनिक किसी झँझट में पड़कर

जल रहा है

 

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