Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Nach Gujariya Nach”,”नाच गुजरिया नाच !” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

नाच गुजरिया नाच !

 Nach Gujariya Nach

नाच गुजरिया नाच!

कि आई कजरारी बरसात री!

सतरंगे सपनों में झूमी

आज अन्हरिया रात री!

गरज-लरज बरसे रे! जवानी में

जब बौराया बादल

मिटी प्यास क्या नहीं पपीहे तेरी?

ले पी-पी पागल ।

पिघल-पिघल धुल गया

जब दुख का सारा काजल

शरमा मत, फहरा ले आज तू

अपना हरियाया आँचल ।

रुनुक-झुनुक रुनझुन की लय पर

थिरके तेरे गात री!

थिरक गुजरिया थिरक

कि आई कजरारी बरसात री!

जिस प्यासे को तृप्त न कर पाया

जग का कोई सागर

कर दे उसको बेसुध इक पल में

उलीच मधु की गागर ।

तड़प-तड़प रह जाए जो देखे

तुझको तेरा ही नागर

इतरा ले बन जाए आज

यह हरसिंगार सपनों का घर ।

धिनक-धिनक ताधिन्

मृदंग पर फुदके कल का प्रात री!

फुदक गुजरिया फुदक

कि आयी कजरारी बरसात री ।

सिहर-सिहर जब वही पुरबिया

लहराई धरती सारी

चली तुनककर कहाँ अरी ओ!

जब मेरी आई बारी ।

बिखरा दे कुछ किरण ख़ुशी की

गली-गली क्यारी-क्यारी

नाचें बन के मोर-मोरनी

तू पगली कोयल गा री!

छनन-छनन छम्-छम् से

छलके रंगों के स्वर सात री!

छलक गुजरिया छलक

कि आई कजरारी बरसात री!

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