Hindi Poem of Budhinath Mishra “Raj Kareye Changur”,”राज करैए छांगुर” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

राज करैए छांगुर

 Raj Kareye Changur

पाँचो आंगुर काज करैए

राज करैए छांगुर

आर कते दिन चलत एना

पूछैए पाँचो आंगुर ।

कर्मक फल कहि-कहि कऽ

दुपहरिया मे डिबिया बारत

आनक कैल-धैल पर

कहिया धरि ई ओठगन पारत

बैसल लोक घोरत कहिया धरि

एना दूध मे माहुर!

देव-पितर द‍ऽ हमरा माथे

ल गेल बखरी अपने

लक्ष्मी औती कोन

अपाटी हाथे माला जपने

बौआ केर पौरुख तिलके धरि

भ जयता पुनि डांगर ।

कहिया धरि हमरे कनहा पर

रहत पुरान क मोटा

एक-एक क बिका रहल अछि

घर सँ थारी-लोटा

भागवत क उपदेश बौक सभ

बाँटय भरि-भरि आँजुर ।

 

 

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