Hindi Poem of Kabir ke dohe “Beet gye din bhajan bir re , “बीत गये दिन भजन बिना रे ” Complete Poem for Class 10 and Class 12

बीत गये दिन भजन बिना रे -कबीर

Beet gye din bhajan bir re -Kabir ke dohe

 

बीत गये दिन भजन बिना रे ।

भजन बिना रे, भजन बिना रे ॥

बाल अवस्था खेल गवांयो ।

जब यौवन तब मान घना रे ॥

लाहे कारण मूल गवाँयो ।

अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे ॥

कहत कबीर सुनो भई साधो ।

पार उतर गये संत जना रे ॥

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