Hindi Poem of Purnima Verman “Fagun ke dohe“ , “फागुन के दोहे” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

फागुन के दोहे
Fagun ke dohe

ऎसी दौडी़ फ़गुनाहट ढ़ाणी चौक फलाँग
फागुन आया खेत में गये पडो़सी जान

आम बौराया आँगना कोयल चढ़ी अटार
चंग द्वार दे दादर मौसम हुआ बहार

दूब फूल की गुदगुदी बतरस चढी़ मिठास
मुलके दादी भामरी मौसम को है आस

वर गेहूँ बाली सजा खड़ी फसल बारात
सुग्गा छेड़े पी कहाँ सरसों पीली गात

ॠतु के मोखे सब खड़े पाने को सौगात
मानक बाँटे छाँट्कर टेसू ढ़ाक पलाश

ढीठ छोरियाँ तितलियाँ रोके राह बसंत
धरती सब क्यारी हुई अम्बर हुआ पतंग

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.