Hindi Poem of Purnima Verman “Maya me man“ , “माया में मन” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

माया में मन
Maya me man

दिन भर गठरी
कौन रखाए

माया में मन कौन रमाए
दुनिया ये आनी जानी है

ज्ञानी कहते हैं फ़ानी है
चलाचली का-

खेला है तो
जग में डेरा कौन बनाए

माया में मन कौन रमाए
कुछ न जोड़े संत फ़कीरा

बेघर फिरती रानी मीरा
जिस समरिधि में-

इतनी पीड़ा
उसका बोझा कौन उठाए
माया में मन कौन रमाए

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