Hindi Poem of Rituraj “kabhee itanee dhanavaan mat banana“ , “कभी इतनी धनवान मत बनना” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

कभी इतनी धनवान मत बनना

kabhee itanee dhanavaan mat banana

कभी इतनी धनवान मत बनना कि लूट ली जाओ

सस्ते स्कर्ट की प्रकट भव्यता के कारण

हांग्जो की गुड़िया के पीछे वह आया होगा

चुपचाप बाईं जेब से केवल दो अंगुलियों की कलाकारी से

बटुआ पार कर लिया होगा

सुंदरता के बारे में उसका ज्ञान मात्र वित्तीय था

एक लड़की का स्पर्श क्या होता है वह बिलकुल भूल चुका था

एक नितांत अपरिचित जेब में अगर उसे जूड़े का पिन

या बुंदे जैसी स्वप्निल-सी वस्तुएं मिलतीं तो वह निराश हो जाता

और तब हांग्जो की लड़कियों के गालों की लालिमा भी

उसे पुनर्जीवित नहीं कर सकती थी

उस वक्त वह मात्र एक औजार था बाज़ार व्यवस्था का

खुले द्वार जैसी जेब में जिसे उसकी तेज निगाहों ने झांककर देखा था

कि एक भोली रूपसी की अलमस्त इच्छाएं उस बटुए में भरी थीं

कि बिना किसी हिंसा के उसने साबित कर दिया

सुंदर होने का मतलब लापरवाह होना नहीं है

कि अगर लक्ष्य तय हो तो कोई दूसरा आकर्षण तुम्हें डिगा नहीं सकता ।

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