Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Aaye mahant vasant“ , “आए महंत वसंत” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

आए महंत वसंत

 Aaye mahant vasant

मखमल के झूल पड़े हाथी-सा टीला

बैठे किंशुक छत्र लगा बाँध पाग पीला

चंवर सदृश डोल रहे सरसों के सर अनंत

आए महंत वसंत

श्रद्धानत तरुओं की अंजलि से झरे पात

कोंपल के मुँदे नयन थर-थर-थर पुलक गात

अगरु धूम लिए घूम रहे सुमन दिग-दिगंत

आए महंत वसंत

खड़ खड़ खड़ताल बजा नाच रही बिसुध हवा

डाल डाल अलि पिक के गायन का बँधा समा

तरु तरु की ध्वजा उठी जय जय का है न अंत

आए महंत वसंत

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