Hindi Poem of Sarveshwar Dayal Saxena “Ant me“ , “अंत में” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

अंत में

 Ant me

अब मैं कुछ कहना नहीं चाहता,

सुनना चाहता हूँ

एक समर्थ सच्ची आवाज़

यदि कहीं हो।

अन्यथा

इससे पूर्व कि

मेरा हर कथन

हर मंथन

हर अभिव्यक्ति

शून्य से टकराकर फिर वापस लौट आए,

उस अनंत मौन में समा जाना चाहता हूँ

जो मृत्यु है।

‘वह बिना कहे मर गया’

यह अधिक गौरवशाली है

यह कहे जाने से —

‘कि वह मरने के पहले

कुछ कह रहा था

जिसे किसी ने सुना नहीं।’

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.