Hindi Poem of Uday bhan mishra “Tirathram kabhi jhooth nahi bolte“ , “तीरथराम कभी झूठ नहीं बोलते” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

तीरथराम कभी झूठ नहीं बोलते

Tirathram kabhi jhooth nahi bolte

तीरथराम

कभी झूठ

नहीं बोलते!

सच के अलावा

वे कुछ भी नहीं बोलते!

अक्सर वे

मेरे यहां आते हैं,

हाल-चाल,

पूछते हैं

रोटी रोजगार की

टोह लेने के बाद

कचहरी,

मुकदमे पर

उतरते हैं!

बहुत दु:खी होते हैं

जब सुनते हैं

कि गवाह के अभाव में

मैं जीतता मुकदमा

हार सकता हूं!

तीरथराम

पिघल उठते हैं-

मैं मदद करने को

तैयार हूं।

गवाह

बनने को तैयार हूं

सिर्फ आप बताइए

मुझे क्या कहना है?

कहां-कहां कहना है’’

मैं चुपचाप सुनता हूं

तीरथराम को

एक टक देखता हूं!

तीरथराम कभी

झूठ नहीं बोलते

सच के अलावा

कुछ नहीं बोलते

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