Hindi Poem of Vijaydev Narayan Sahi “Prarthna ; Guru Kabirdas ke liye“ , “प्रार्थना : गुरु कबीरदास के लिए” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

प्रार्थना : गुरु कबीरदास के लिए

Prarthna ; Guru Kabirdas ke liye

परम गुरु

दो तो ऐसी विनम्रता दो

कि अंतहीन सहानुभूति की वाणी बोल सकूँ

और यह अंतहीन सहानुभूति

पाखंड न लगे।

दो तो ऐसा कलेजा दो

कि अपमान, महत्वाकांक्षा और भूख

की गाँठों में मरोड़े हुए

उन लोगों का माथा सहला सकूँ

और इसका डर न लगे

कि कोई हाथ ही काट खाएगा।

दो तो ऐसी निरीहता दो

कि इसे दहाड़ते आतंक क बीच

फटकार कर सच बोल सकूँ

और इसकी चिन्ता न हो

कि इसे बहुमुखी युद्ध में

मेरे सच का इस्तेमाल

कौन अपने पक्ष में करेगा।

यह भी न दो

तो इतना ही दो

कि बिना मरे चुप रह सकूँ।

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