Hindi Poem of Budhinath Mishra “ Jee bhar gao”,”जी भर गाओ” Complete Poem for Class 9, Class 10 and Class 12

जी भर गाओ

 Jee bhar gao

मुझ पर प्यारे शोध करो मत

मुझको जी भर गाओ ।

चीर-फाड़ कविता के तन की

अच्छी बात नहीं

ख़ून-पसीने की फ़सलें

मिलतीं ख़ैरात नहीं

मुझको माला पहनाओ मत

मुझको जी भर गाओ ।

रोकर गाती है जैसे

बुधनी बकरी मरने पर

रोकर गाओ, हँसकर गाओ

तुम भी जी करने पर

मेरी बातें याद करो मत

मुझको जी भर गाओ ।

दो दिन या दो सदी जिएँगे

ये कविवर, क्या जानें

हमें जिलाएँगी आकाश-

कुसुम-सी ये सन्तानें

ज्यादा मेरा नाम रटो मत

मुझको जी भर गाओ ।

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